बगिया के फूलों का चहकता मेहमान, शिक्षा की दहलीज पर करते वंदन अभिनंदन, बगिया के फूलों का चहकता मेहमान, शिक्षा की दहलीज पर करते वंदन अभिनंदन,
जाने कब मैं बड़ा हो गया अपने पैरों पर खड़ा हो गया, वक्त का साया ऐसा था न धेला था न प जाने कब मैं बड़ा हो गया अपने पैरों पर खड़ा हो गया, वक्त का साया ऐसा था ...
सत्य सनातन, का यह सार है , वसुधैव कुटुंबकम समस्त संसार है। सत्य सनातन, का यह सार है , वसुधैव कुटुंबकम समस्त संसार है।
वो ठहरे हुए पेड़, ओर चलता हुआ सूरज, जो अपने और पराये का भेद बताते हैं। वो ठहरे हुए पेड़, ओर चलता हुआ सूरज, जो अपने और पराये का भेद बताते हैं।
अपने अस्तित्व के लिए लड़ना दूसरे के अस्तित्व को कम आँकने के लिए बहकना! अपने अस्तित्व के लिए लड़ना दूसरे के अस्तित्व को कम आँकने के लिए बहकना!
क्या यही परिभाषित करता है प्यार क्या है ? क्या यही परिभाषित करता है प्यार क्या है ?